गृहलक्ष्मी : फिल्म :: अद्भुत प्रचार प्रसार का माध्यम
जय श्रीमाताजी, हमारी आज सभी सहजी भाई बहिनों से एक विनम्र विनती है कि सहजयोग के प्रचार प्रसार के लिए बनाई गई फिल्म गृहलक्ष्मी का आप माध्यम के रूप में प्रयोग कर सकते है। इस फिल्म की सच्चाई से प्रेरित होकर आमजन फिल्म देखने के बाद अपना आत्मसाक्षात्कार लेने के लिए आतंरिक व बाहरी रूप से बिलकुल तैयार हो जाते है। एक बन्द थियेटर में सवा घंटे की यह फिल्म देखने के बाद हमने इसको अनुभव किया है, पिछले आठ नो महिने में इसको लगभग 500 नये लोग जो सहजयोग के बारे मे कुछ नही जानते थे केवल एक सिनेमा देखने से जुड़ गये है। फिल्म समाप्त होने के बाद हमने देखा कि उनका सिनेमा हाल से उठने का भी मन नही हो रहा था। हमने पहले से ही प्रचार-प्रसार की एक टीम,जो सहजी अपनी मधुर-वाणी में सुन्दर तरीके से सहजयोग के बारें में बोलते हैं उन्हें तैयार रखे, तथा यह आत्म साक्षात्कार आये हुए सभी साधकों को बड़ी शांति के साथ देवें। आत्म साक्षात्कार के इस अद्भुत प्रचार-प्रसार का कार्य क्रम में हम बहुत अच्छी तरह से सफल रहे। फिल्म से जुडने वाले जो भी सिनेमा चलाते है, ये अक्सर दो घंटे का समय देते है सिनेमा के प्रयोग के लिए। क्योंकि कोई भी फिल्म दो घंटे से कम समय की नही होती। वह दो घंटे का महत्वपूर्ण समय हमें मिलता है, क्योंकि ये फिल्म सवा घंटे की है तो हमने सोचा है कि क्यों न इस माध्यम से हम लोगो तक मां का ये संदेश सीधा उन्ही के स्वरमुख द्वारा आत्मसाक्षात्कार दिलाकर बताऐं और उसको सक्षम किया 7-8 शो में करके दिखाया।हो सकता है, संभव है।
उन्होने अनाउंसमेंट किया कि वे सभी लोग जिन्होने अभी ये फिल्म देखी है, यदि चाहे तो अभी आत्मसाक्षात्कार का उन्हें अनुभव दिया जा सकता है। केवल हमे 15-20 मिनिट का समय दे। सभी ने अपने हाथ खडे किये, यहां तक उनको यह भी कहा गया कि वे जो इसका अनुभव नही लेना चाहते, उसके साथ कोई जबरदस्ती नही है, वे हॉल छोड सकते है। हमारे इस अनुभव से आज तक कोई भी व्यक्ति हाॅल छोडकर नही गया। वे बेठे रहे और फिल्म देखते ही अगले 15 मिनिट में श्रीमाताजी का वीडियो दिखाकर उन्हे आत्मसाक्षात्कार हो गया। फिर हमारे प्रचार प्रसार की टीम ने श्री माता जी तथा सहजयोग की महत्वपूर्ण बातें बताकर ,दर्शकों को अलविदा किया। ज्यादा से ज्यादा हमने 100 फीसदी अनुभव किया कि सभी लोगो नेे आत्मसाक्षात्कार को गृहण किया है। तो प्रचार प्रसार का यह बहुत ही अच्छा सिनेमा हाल को माध्यम बनाया जा सकता है, इस फिल्म के द्वारा। फिल्म को दिखाया जाऐ, आत्मसाक्षात्कार का कार्यक्रम किया जाये और पहले से ही यह तैयारी हो कि हमारी जो सामूहिकता है जिस भी सिनेमा हाॅल में फिल्म प्रदर्शित हो, वे अपने परिचित लेकर आ सकते है और जाते समय भी लोग जो बाहर निकलते है उन्हें भी सहज प्रचार प्रसार के यहां वहां के सेंटर है कहां पर उन्हे आना है, मेडीटेंशन दे सकते है, उसके प्रचार प्रसार के पर्चे भी बांटे जा सकते है। इसप्रकार पूरे भारत में सहजयोगी इसका फायदा उठाये।ये फिल्म अब बन चुकी है। भारतभर में दिखाने के लिए। हमें करना कुछ नही है केवल साहस करना है कि नजदीकी सिनेमा मालिकों से जाकर मिले और अपना एक ग्रुप बनाकर जाऐं। अकेला व्यक्ति से काम नही बनता 5-7 लोग मिलकर जाऐ और बताऐं थियेटर वालो कि ये एक बहुत अदभूत फिल्म तैयार है आपके थियेटर में चलने के लिए। कृपया आप हमको निशुल्क जगह दे या कम दाम में हमें थियेटर दे और आप डरे नही, हम जनता को लायेगें, थियेटर भरेंगे शो के लिए। आप शो निर्धारित करे। तो मैरा यह कहना है कि यदि हमारे सहजयोगी भाई पूरे हिन्दूस्तान में जुट जाते है, इस कार्य को पूरा करने के लिए तो ये संभव है कि हमें किसी बडे डिस्ट्रिव्यूटर्स को बडी राशि नही देना पडेगी। थियेटर में एडवांस देकर पेसा फंसाने की जगह। क्योंकि हमारे भाई ही पूरे भारत में जुटे है इस कार्य को करने के लिए और मानते है कि ये हो सकता है। कोशिश करे कि सिनेमा पूरे साल में ये चलाया जा सकता है, किसी भी शहर के थियेटर में, किसी भी दिन या समय। केवल करना यह है कि सिनेमा हाल में जाना है उनसे मिलना है, उनके साथ तय करना है कि उनको कोन सा सिनेमा कम कीमत में मिलता है। एक शो मिलता है या दो शो मिलते है। सुबह या शाम। एक सप्ताह में करना चाहते है या एक दिन के लिए करना चाहते है, यह उनकी सुविधा है और लोगो को जुटाया जाऐ अपने परिवार को लेकर जाऐ और नये लोगो को लेकर जाऐ। जो सिनेमा हाल की टिकिट है जो लोग देते है उनके लिए योगदान करना पडेगा, टिकिट लेना पडेगा, काउंटर से या उनके साथ पहले से बात करके ताकि उसकी बिक्री से या उसकी वसूली से आप लोगो को इतनी राशि वापस मिल जाए जितनी आपने थियेटर किराये के लिए दी है, और बाकी हम चाहेंगे कि आप हमेे मोका दे कि हम आगे का काम करते रहे और वह राशि हमारे एनजीओ को जो 100 फीसदी नान प्रोफिट है। सरकार की ओर से हमको आश्वासन मिला है कि हम ये अच्छा काम करते रहे। श्रीमाताजी का फिल्म दुवारा प्रचार प्रसार का माध्यम बनाये।
लोग सिनेमा जाते है एन्जाय करने जाते है, ऐसी ही कहानी है "गृहलक्ष्मी" जहां हर समय एंजाय भी करेगें, साथ साथ श्रीमाताजी की वाणी सुनते हुए आत्मसाक्षात्कार की तैयारी में पूरी तरह सक्षम हो जाऐगें। हम सहजी भाईयों को यह बीडा उठाना है, आपस में मिलजुलकर थोडी मेहनत करे। अपने कोर्डीनेटर्स या जो भी संचालक है या जो सेंटर चलाते है वहां अनाउंसमेंट किये जाऐ। ये फिल्म 26 अप्रैल को रिलीज हो रही है और हम आपस में मिलकर जाकर थियेटर बुक करें अपने शहर मे अभिनंदन करे कि पूरे भारत में सहजयोगी जुट जाये। एक झटके मेें 26 अप्रेल से लेकर चाहे जो भी दिन हो पूरे साल के लिए अपनी मर्जी से थियेटर बुक कर सकते है। आपने निर्धारित कर लिया है कि कोन से शहर में कोन सा शो है, पक्का हो जाता है तो हमे थियेटर वालो के साथ ये सूचना हमें देनी होगी, कृपया आपकों मुझे मैरे नंबरो में पर सुचना देना होगी :
Mr. Bhola Nath Singh - +91 9324368012
Mr. O P Goyal - +91 9425063703
Mr. Sunil Nayar - +91 9810153108
Sanjay Roshan Talwar - +91 9811203017
Immaculate Ideal Human foundation एवं Email पर देना होगी। हमारे द्वारा दिये गये नंबरो पर बात करके मुम्बई से सेटेलाईट के द्वारा आपके बताये समय पर ये फिल्म चलाई जाएगी। ये मां की कृपा से हमारे लिए एक बडी उपलब्धि हुई है कि ऐसा संभव हो सका है कि ये फिल्म एक ही स्थान से हजारो थियेटर में एक साथ चलाई जा सके। मगर जरूरी नही है कि सभी लोग एक ही समय पर थियेटर ले। अपने अपने समय पर जब भी आपको सुविधा हो आप हमें बता सकते है और हम वहां सूचित कर देंगे कि ये फिल्म चला दी जाऐ। इतना ही कार्य हमें करना है। जैसे जैसे ये होने लगेगा आप देखेंगे कि पूरे भारत में इसकी मांग बढेगी। जब जय संतोषी मां फिल्म चल सकती है जो कि संतोषी माता थी ही नही, काल्पनिक देवी थी, वह फिल्म 'हिट फिल्म' हो सकती है तो हमारी श्रीमाताजी के उपर जो फिल्म बनी है सहजयोग केे प्रचार प्रसार के लिए बनी है गृहलक्ष्मी फिल्म ऐसा क्यों नही कर सकती है। जबकि हम सारे सहजी चाहते है बडे माध्यम से आम जनता जो सिनेमा देखने वाली है बडे पर्दे पर श्रीमाताजी को देख सकें, उनकी आवाज सुन सकें और उसका अनुभव ले सके। ये हमारी इव्छा है, जो आंतरिक इच्छा है, वह सामूहिक इच्छा बन जाएगी, तो बढिया कार्य सिद्व हो सकेगा। श्रीमाताजी का यह जो प्रचार प्रसार का प्रेम है, इस मेसेज का लोगो के दिलो तक पहूंच सकेगा। यह कार्य आप ही लोग कर सकते है मैरे सहजी भाई बहिन जो पूरे भारत में छाये हुए है, आप लोग आईए आगे बढिये, अपना नाम दीजिये अपना नंबर दीजिये, मुझे ताकि मै आपको हरेक को सोशल साइट पर ग्रुप बनाकर संवाद स्थापित कर सकूंगा। आपको बताउंगा कि आपको हर कदम पर क्या करना है ? ताकि आपको किसी किस्म की असुविधा न हो, इस कार्य को करने में। ये मां का कार्य है। हम लोग सारे मिलकर कोशिश कर सकते है। बाकी श्रीमाताजी के चरणों में छोड दिजीए। जय श्रीमाताजी। संजय रोशन तलवार, Managing Trustee Immaculate Ideal Human foundation email : immaculateihf@gmail.com Mob; +91 9811203017
Grihalakshmi Film: An amazing channel to propagate Sahajayoga.
Dear brothers and sisters, We Sahajayogis are blessed with divine vibrations,and are our dear Shri Mataji’s instruments to spread Sahaja yoga in our individual and collective capacities. We all know that we have a common objective to give Self Realization to as many to bringin global transformation. In the modern times, Cinema has become a medium to communicate to the masses and effect changes. Today, most people watch films as a source of enjoyment and, if it can also contribute to a spiritual journey, it serves a dual purpose. It is the right time to fetch this great opportunity and collectively promote what we are meant to. It is a matter of great joy and pride that now a film Grihalakshmi by a 100% nonprofit NGO Immaculate Ideal Human Foundation is ready to impart the powerful message of Self Realization and the importance of Sahaja yoga meditation in our lives. It is a 1 hour and 12-minute film that very subtly touches the complexities of human life; the need of spirituality and accepting the ancient knowledge of Sahaja yoga for attaining the ultimate peace and union with the primordial energy.As a matter of fact, we can use this great film for our public programmes that can be held in Cinema Halls. We have already conducted around 8 trial shows to seek public opinion, and are proud to inform of its success. Consequently, it has greatly motivated us to engage our brothers and sisters to publicize Sahaja yoga through Cinema, which is also the need of an hour. During the trial shows, more than 500 people at different times, ignorant of Sahaja yoga, were found enamoured by the profundity of Sahaja yoga meditation and keenly took Self Realization in spite of the announcement made to leave those not interested. Not one did leave. This was a huge success. Many of them have become a part of Sahaja yoga family now. Generally, the Cinema Halls allot 2 hours for every show. Therefore, our pre-planning for the remaining 48 minutes to show Shri Mataji’s video followed by the proper explanation by our very able brothers’ sweet oratory added to its glory.This success has culminated into a brilliant idea to reach multitudes.
The film is releasing throughout India on April 26, 2019. The Government too, approves of the idea. With everything falling favourable, we urge you to come forward individually or collective, and carry the task further in your respective cities; talk to the Cinema Hall authorities and convince them to play this film for the larger benefit. We have a satellite system to transmit this film simultaneously to thousands of halls from Mumbai. We are technically very well equipped, only it needs to take a massive leap, for when it is shown in the entire country, the vibrations it will emit will be phenomenal. With this collective effort, Shri Mataji’s desire will be fulfilled. Almost the entire nation will encounter with the truth of some power taking to right path. This is an amazing opportunity. Those interested to participate in the enormous mission to disseminate Shri Mataji’s teachings through this unique medium can contact us at:
Mr. Bhola Nath Singh - +91 9324368012
Mr. O P Goyal - +91 9425063703
Mr. Sunil Nayar - +91 9810153108
Sanjay Roshan Talwar - +91 9811203017
We shall then explain the entire procedure and the economics involved. Various groups on social media will be formed where the know how to initiate dialogues in your region would be guided so that there remains no ambiguity or discomfort. We can thus jointly fulfill our aspiration to be Shri Mataji’s instrument that we daily pray for. When a film like Jai Santoshi Ma with a fictitious goddess character could be a success, can we doubt Shri Mataji and Her gift to humankind? We look forward to hearing from you in great numbers to march collectively for this great mission we are meant for.
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