JABALPUR, MP: Total 2 shows on 28th July, 2019 @ Samdariya Mall
More news from Jabalpur. The Jabalpur yogis decided not to watch the film.
Themselves, and decided to show the film only to new seekers. The entire hall
was packed by new seekers. There were 300 hundred of them. An equal number of
yogis stood outside the hall. The cinema management was so overwhelmed by the
love shown by yogis for new seekers, that they could not stand watching them
sit outside the hall. So they promptly opened up their adjacent theatre and ran
the film for free for all the waiting yogis. Seeing is believing how their pure
desires and loving hearts worked the compassion of the theatre owner, who felt
so joyful to grant them their desires, and that is how all of them saw the
film. And, all 300 new seekers beautifully got their self realization. They
were all experiencing bliss.
Thank you mother for giving us such loving hearts to express your love through Grihalakshmi - The Awakening.
जय श्री माताजी,
आज फिल्म के कार्यक्रम को अपार सफलता प्रदान करने के श्री माता जी के चरणों में कोटि- कोटि नमन और धन्यवाद्।
श्री माताजी ने आज सभी सहजियों को महसूस कराया कि माँ कैसे सामूहिकता से कार्य करा लेती है अपना यन्त्र बनाकर जैसे नए साधकों को लाना, फिल्म दिखाने हेतु सब व्यवस्था करवाना आदि आदि।जैसे सभी सहजियों ने अपनी इक्छा दर्शाई थी कि वे फिल्म नहीं देखेंगें पर पहले नये साधकों को फिल्म देखने का मौका देंगें। तो श्री माताजी सभी का ध्यान रखतीं है और उन्होंने अचानक ही दूसरे हॉल की व्यवस्था करवा दी जिससे नये साधकों के साथ ही जितने भी सहजी वहां आये थे सब फिल्म देख सके।
अतः जिनको भी माँ ने अपना यंत्र बनाया उनके लिए श्री माताजी से प्रार्थना है कृपा में बनायें रखें तथा अपने चरणों में समर्पित रखें। जय श्री माताजी!
Thank you mother for giving us such loving hearts to express your love through Grihalakshmi - The Awakening.
जय श्री माताजी,
आज फिल्म के कार्यक्रम को अपार सफलता प्रदान करने के श्री माता जी के चरणों में कोटि- कोटि नमन और धन्यवाद्।
श्री माताजी ने आज सभी सहजियों को महसूस कराया कि माँ कैसे सामूहिकता से कार्य करा लेती है अपना यन्त्र बनाकर जैसे नए साधकों को लाना, फिल्म दिखाने हेतु सब व्यवस्था करवाना आदि आदि।जैसे सभी सहजियों ने अपनी इक्छा दर्शाई थी कि वे फिल्म नहीं देखेंगें पर पहले नये साधकों को फिल्म देखने का मौका देंगें। तो श्री माताजी सभी का ध्यान रखतीं है और उन्होंने अचानक ही दूसरे हॉल की व्यवस्था करवा दी जिससे नये साधकों के साथ ही जितने भी सहजी वहां आये थे सब फिल्म देख सके।
अतः जिनको भी माँ ने अपना यंत्र बनाया उनके लिए श्री माताजी से प्रार्थना है कृपा में बनायें रखें तथा अपने चरणों में समर्पित रखें। जय श्री माताजी!
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