3 HOUSEFULL Shows @ Aarti Talkies, Khargaun (Madhya Pradesh) on 1-4-5 December, 2019
Film Show Details (As furnished by Sahji Brother Ritesh Mahajan, Sister Gunjan Jain):
Cinema Hall Capacity: 307 seats
Day1: Audience Count: 450+
Day2: Audience Count: 350+
Day3: Audience Count: 450+
Total Sahajyogis in Khagaun (Initially): 150+
Net Audience Count: 1250+
Net New Seekers Count: 1100+
हिंदी विवरण-
*फ़िल्म गृहलक्ष्मी द अवेकिंग* एक सन्देश वाहक की तरह हमारे शहर में तब आयी जब हमारे सहज परिवार में आपसी विवाद चल रहे थे । फ़िल्म को लगाने में हमारे मन में शंकाए थी कि क्या पता भैया लोग मिलकर कार्य करेंगे या नहीं, कही साथ आये और फिर कोई बहस न हो जाये किसी के बीच तो हम महिला शक्ति इस कार्य को करने में छिछकी और श्रीमाताजी से प्रार्थना करने लगी । इसमे आने वाले खर्च की व्यवस्था भी हम लोग कर चुके थे अपने घरेलु बचत से सिनेमा वाले से, और जो भैया इस फ़िल्म को लगाने में जिन्हें सभी मामाजी कहते है उनसे भी मेरी बात हो चुकी थी। 25 या 26 नवंबर को खबर आयी कि *फ़िल्म लगनी है 1 दिसंबर को और पूरी सामूहिकता पुरे जोश से जुट रही है इस कार्य में वह भी कुछ मामूली से खर्च में ही।
पहले यह खर्च 30हजार तक था जो भी हम महिला शक्ति वहन करने को तैयार थी।* यह एक अधूरे सपने के पुरे होने जैसा था हम लोग मीटिंग करने इकट्ठा होते जिसके माहौल को देखकर लगता ही नहीं कि कुछ दिन पहले इन लोगो में कोई विवाद था । अनुभव ये कहता है कि *सभी में प्रेम की शक्ति श्रीमाताजी ने इस तरह समाहित की हुई है कि उस प्रेम के आगे कोई दूसरा दिखाई ही नहीं देता हम सब भूल जाते है।*
फ़िल्म लगी 1 दिसंबर को सुबह 9:30बजे, जिन लोगो की उम्मीद भी ना थी कि ये लोग रूचि लेंगे फ़िल्म में वे भी आये और कुछ मांगकर टिकिट्स ले गए और कुछ को मना करना पड़ा। शो में 307 सीट्स थी, 450 लोगो ने देखी कुछ जमीं पर कुछ कुर्सियो पर, और तो और फ़िल्म में माता-पिता का रोल करने वाले परमार अंकल आंटी भी आये ।
रिणवा अंकल के साथ आत्मसाक्षात्कार के लिए हमारे बीच और सब कुछ इतना सहज हो गया कि पता नहीं वह विवाद कहा गायब हो गया सेंटर पर नए लोग भी आना शुरू हुए, पूजा की तैयारी मे भी सब बढ़ कर हिस्सा लेने लगे ऐसा माहोल हो गया है जैसे एकल परिवार अब फिर से संयुक्त हो गया हो और इस दौरान कुछ समस्याएं भी हल हुई जो मेरी पर्सनल तौर पर श्रीमाताजी से की गयी थी पूरी समुहिकता को लेकर। तो कहने का सार यही है कि हमे सिर्फ सहज के सन्देश पर ध्यान देना है कि इससे हम अपनी किन नकरात्मक्ताओ को दूर कर सकते है और प्रेम के सन्देश को फैला सकते है जिससे हमारे भीतर भी प्रेम और क्षमा की शक्ति(जो है पर हम उसका उपयोग ही नहीं करते) का प्रवाह महसूस हो और बढे भी।
*जय श्रीमाताजी*
श्रीमाताजी के चरणों में समर्पित।
*गुंजन जैन खरगोन मध्यप्रदेश*
मोबाईल 9098215600
आकर्षण का केंद्-
मोर्वी नगदोई ने ग्रह लक्ष्मी फ़िल्म देखी,उसकी मम्मी ने कहा मोर्वी कही भी बैठती नही है पर उसने पूरी माँ की फ़िल्म को ताली बजा-बजा कर देखी,जय श्री माताजी
Film Show Details (As furnished by Sahji Brother Ritesh Mahajan, Sister Gunjan Jain):
Cinema Hall Capacity: 307 seats
Day1: Audience Count: 450+
Day2: Audience Count: 350+
Day3: Audience Count: 450+
Total Sahajyogis in Khagaun (Initially): 150+
Net Audience Count: 1250+
Net New Seekers Count: 1100+
हिंदी विवरण-
*फ़िल्म गृहलक्ष्मी द अवेकिंग* एक सन्देश वाहक की तरह हमारे शहर में तब आयी जब हमारे सहज परिवार में आपसी विवाद चल रहे थे । फ़िल्म को लगाने में हमारे मन में शंकाए थी कि क्या पता भैया लोग मिलकर कार्य करेंगे या नहीं, कही साथ आये और फिर कोई बहस न हो जाये किसी के बीच तो हम महिला शक्ति इस कार्य को करने में छिछकी और श्रीमाताजी से प्रार्थना करने लगी । इसमे आने वाले खर्च की व्यवस्था भी हम लोग कर चुके थे अपने घरेलु बचत से सिनेमा वाले से, और जो भैया इस फ़िल्म को लगाने में जिन्हें सभी मामाजी कहते है उनसे भी मेरी बात हो चुकी थी। 25 या 26 नवंबर को खबर आयी कि *फ़िल्म लगनी है 1 दिसंबर को और पूरी सामूहिकता पुरे जोश से जुट रही है इस कार्य में वह भी कुछ मामूली से खर्च में ही।
पहले यह खर्च 30हजार तक था जो भी हम महिला शक्ति वहन करने को तैयार थी।* यह एक अधूरे सपने के पुरे होने जैसा था हम लोग मीटिंग करने इकट्ठा होते जिसके माहौल को देखकर लगता ही नहीं कि कुछ दिन पहले इन लोगो में कोई विवाद था । अनुभव ये कहता है कि *सभी में प्रेम की शक्ति श्रीमाताजी ने इस तरह समाहित की हुई है कि उस प्रेम के आगे कोई दूसरा दिखाई ही नहीं देता हम सब भूल जाते है।*
फ़िल्म लगी 1 दिसंबर को सुबह 9:30बजे, जिन लोगो की उम्मीद भी ना थी कि ये लोग रूचि लेंगे फ़िल्म में वे भी आये और कुछ मांगकर टिकिट्स ले गए और कुछ को मना करना पड़ा। शो में 307 सीट्स थी, 450 लोगो ने देखी कुछ जमीं पर कुछ कुर्सियो पर, और तो और फ़िल्म में माता-पिता का रोल करने वाले परमार अंकल आंटी भी आये ।
रिणवा अंकल के साथ आत्मसाक्षात्कार के लिए हमारे बीच और सब कुछ इतना सहज हो गया कि पता नहीं वह विवाद कहा गायब हो गया सेंटर पर नए लोग भी आना शुरू हुए, पूजा की तैयारी मे भी सब बढ़ कर हिस्सा लेने लगे ऐसा माहोल हो गया है जैसे एकल परिवार अब फिर से संयुक्त हो गया हो और इस दौरान कुछ समस्याएं भी हल हुई जो मेरी पर्सनल तौर पर श्रीमाताजी से की गयी थी पूरी समुहिकता को लेकर। तो कहने का सार यही है कि हमे सिर्फ सहज के सन्देश पर ध्यान देना है कि इससे हम अपनी किन नकरात्मक्ताओ को दूर कर सकते है और प्रेम के सन्देश को फैला सकते है जिससे हमारे भीतर भी प्रेम और क्षमा की शक्ति(जो है पर हम उसका उपयोग ही नहीं करते) का प्रवाह महसूस हो और बढे भी।
*जय श्रीमाताजी*
श्रीमाताजी के चरणों में समर्पित।
*गुंजन जैन खरगोन मध्यप्रदेश*
मोबाईल 9098215600
आकर्षण का केंद्-
मोर्वी नगदोई ने ग्रह लक्ष्मी फ़िल्म देखी,उसकी मम्मी ने कहा मोर्वी कही भी बैठती नही है पर उसने पूरी माँ की फ़िल्म को ताली बजा-बजा कर देखी,जय श्री माताजी
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